UP Board 12th Practical Exam 2025 : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की इंटरमीडिएट (कक्षा 12) की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 1 फरवरी 2025 से शुरू होने जा रही हैं। यह परीक्षा दो चरणों में आयोजित की जाएगी। प्रथम चरण में एक से आठ फरवरी तक आठ संभागों के जिलों में परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इस बार परीक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव किया गया है, जिससे पूरी प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुचारू होगी।
इस बार परीक्षकों को स्कूल परिसर से ही सीधे मोबाइल एप के जरिए पोर्टल पर अंक अपलोड करने होंगे। ऐसा पहली बार हो रहा है कि परीक्षक बिना किसी कागजी कार्रवाई के डिजिटल माध्यम से अंक दर्ज करेंगे। परीक्षकों की सूची, उन्हें आवंटित विद्यालयों की जानकारी तथा परीक्षा से संबंधित अन्य सभी दस्तावेज पहले ही संबंधित जिलों को भेज दिए गए हैं।
कड़ी सुरक्षा एवं निगरानी व्यवस्था
यूपी बोर्ड के सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रयोगात्मक परीक्षाएं शत-प्रतिशत सीसीटीवी निगरानी में कराई जाएंगी। सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के लिए परीक्षा की रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा। इसके अलावा परीक्षकों को परीक्षा के दौरान अपने साथ आधार कार्ड या अन्य वैध पहचान पत्र लाने के भी निर्देश दिए गए हैं, जिसकी एक प्रति स्कूल रिकॉर्ड में जमा करानी होगी।
पहले चरण में किन जिलों में होगी परीक्षा?
पहले चरण में अलीगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, कानपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी और गोरखपुर मंडल के जिलों में परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। परीक्षा केंद्रों पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की भी समीक्षा की गई है ताकि परीक्षा निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित की जा सके। बोर्ड ने प्रत्येक परीक्षा केंद्र की निगरानी के लिए अधिकारी नियुक्त किए हैं, जो परीक्षा के सुचारू संचालन का निरीक्षण करेंगे।
छात्रों के लिए हेल्पडेस्क सुविधा
परीक्षा के दौरान छात्रों को किसी भी विषय से संबंधित समस्या, परीक्षा तनाव या अन्य प्रश्नों के समाधान प्रदान करने के लिए यूपी बोर्ड मुख्यालय और सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में हेल्पडेस्क स्थापित किए गए हैं। यह हेल्पडेस्क विद्यार्थियों की शंकाओं का समाधान करेगा तथा उन्हें परीक्षा के दौरान मानसिक रूप से तैयार रहने में मदद करेगा।
परीक्षा को निष्पक्ष एवं पारदर्शी बनाने के प्रयास
यूपी बोर्ड ने इस वर्ष की प्रयोगात्मक परीक्षा में तकनीकी सुधार के साथ ही सुरक्षा और निगरानी को और मजबूत किया है। परीक्षा प्रणाली में डिजिटल हस्तक्षेप और निगरानी अधिकारियों की नियुक्ति करके धोखाधड़ी और कदाचार की संभावनाओं को समाप्त करने का प्रयास किया गया है।