पमौनी अमावस्या पर महाकुंभ में भगदड़, 30 की मौत; 60 घायल रिजनों को 25-25 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की। जांच आयोग की अध्यक्षता पूर्व न्यायमूर्ति हर्ष कुमार करेंगे और इसमें पूर्व आइएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) वीके गुप्ता और सेवानिवृत्त आइपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) बीके सिंह भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायिक जांच के साथ-साथ पूरे मामले की अलग से पुलिस जांच भी की जाएगी।
पूरे मामले की तह तक जाना जरूरी है कि ऐसी घटना कैसे हुई। मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक गहन जांच के लिए गुरुवार को महाकुंभ का दौरा करेंगे घटना के लगभग 16 घंटे बाद बुधवार शाम को भगदड़ में 30 लोगों की मौत की पुष्टि करते हुए पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआइजी) वैभव कृष्ण ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस हादसे में 60 अन्य जख्मी हुए हैं।
मृतकों की हुई पहचान
मृतकों में से 25 लोगों की पहचान हो चुकी है जबकि शेष की शिनाख्त की जानी है। मृतकों में कर्नाटक के चार, मध्य प्रदेश के दो, असम और गुजरात से एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश के दो श्रद्धालुओं छतरपुर जिले की निवासी हुकुम बाई लोधी और रायसेन जिला निवासी मोहनलाल अहिरवार की भगदड़ में मौत हो गई। वहीं कनार्टक मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, मृतकों में ज्योति दीपक हत्तरवाथ (44), उनकी बेटी मेघा दीपक हत्तरवाथ (24), अरुण खोपदें (61) और महादेवी हेमंत भवनुर (48) शामिल हैं।
ज्योति के पति दीपक हत्तरवाथ ने बताया कि उनकी पत्नी और बेटी मेघा (वडागांव निवासी ) 26 जनवरी को एक निजी ट्रैवल एजेंसी की बस से प्रयागराज गई थीं और वे 13 सदस्यीय समूह का हिस्सा थीं डीआइजी के मुताबिक, 36 घायलों का इलाज स्थानीय मेडिकल कालेज में किया जा रहा हैं तथा कुछ घायलों के परिजन उन्हें लेकर चले गए हैं।
आखिर क्या थी घटना की वजह क्यों मची भगदड़
उन्होंने घटना की वजह के बारे में बताया कि मौनी अमावस्या के मुख्य खान पर्व पर ब्रह्म मुहूर्त से मंगलवार देर रात एक से दो बजे के मध्य मेला क्षेत्र में अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ का दबाव बना और उस दबाव के कारण दूसरी ओर के अवरोधक टूट गए। घाट पर ब्रह्म मुहूर्त के स्नान के इंतजार में बैठे और कुछ लेटे हुए श्रद्धालुओं को इस भीड़ ने कुचलना शुरू कर दिया। हालांकि प्रशासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य करते हुए गलियारा बनाया और एंबुलेंस के माध्यम से लगभग 90 घायलों को अस्पताल तक पहुंचाया, लेकिन उसमें से 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई।
श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी
मेला डीआइजी ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला प्रशासन द्वारा हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है जिस पर यदि कोई व्यक्ति लापता है तो उसके संबंध में जानकारी प्राप्त की जा सकती है 29 जनवरी के स्नान के लिए शासन ने वीआइपी प्रोटोकाल नहीं देने के लिए सख्त निर्देश दिए थे।
उसके अनुरूप मेला प्रशासन ने कोई भी वीआइपी प्रोटोकाल को नहीं माना और तीन फरवरी को बसंत पंचमी पर्व पर भी काफी भीड़ होने की संभावना है और उसमें भी वीआइपी प्रोटोकाल को लागू नहीं किया जाएगा मेला अधिकारी विजय किरन आनंद ने कहा कि मेला प्रशासन की प्राथमिकता है कि जो भी लोग स्नान करने आए हुए हैं, ये सुरक्षित अपने गंतव्य तक वापस पहुंचे। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस हादसे’ को ‘अत्यंत दुखद’ करार दिया और इसमें अपने परिजनों को खोने वाले श्रद्धालुओं के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की।