Delhi Next CM : दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की आखिरी मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज थीं। उन्होंने अक्टूबर 1998 से दिसंबर 1998 तक 52 दिन दिल्ली में सरकार चलाई। अब 27 साल के बाद दिल्ली को बीजेपी का मुख्यमंत्री मिलने वाला है।
12 साल से दिल्ली में शासन कर रही आम आदमी पार्टी को बुरी शिकस्त देकर भारतीय जनता पार्टी सत्ता की सीढ़ी चढ़ी है। फिलहाल बीजेपी में नए मुख्यमंत्री को लेकर विचार-विमर्श का दौर शुरू हो रहा है।
बीजेपी दिल्ली में मुख्यमंत्री का फेस भविष्य की रणनीतियों को ध्यान में रखकर चुनेगी, इतना स्पष्ट है। आगामी चुनावों वाले राज्यों में बिहार भी शामिल है, जिसके मद्देनजर किसी पूर्वांचल चेहरे को दिल्ली में मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि सबसे ज्यादा संभावनाएं किसी ‘सरकार’ को दिल्ली का ताज सौंपने की हैं। इस लिस्ट में कुछ बड़े चेहरे भी शामिल हैं, जो मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे खड़े हैं।
Delhi Next Cm : बीजेपी क्यों किसी ‘सरदार’ को दे सकती है दिल्ली ?
दिल्ली में किसी ‘सरदार’ को मुख्यमंत्री बनाने के पीछे भारतीय जनता पार्टी की पंजाब को साधने की सोच हो सकती है, क्योंकि आम आदमी पार्टी ने भी दिल्ली के बाद पंजाब को अपना बेस बनाया है। पंजाब को साधने के साथ ‘सरदार’ मुख्यमंत्री बनाकर दूसरा आम आदमी पार्टी के बढ़ते प्रभाव को वहां कम किया जा सकता है। आसान शब्दों में कहें तो एक और राज्य यानी दिल्ली के बाद पंजाब से आम आदमी पार्टी को मिटाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ये मास्टरस्ट्रोक खेल सकती है।
बीजेपी किस ‘सरदार’ पर लगा सकती है दांव ?
प्रवेश वर्मा: दिल्ली में प्रवेश वर्मा का नाम मुख्यमंत्री की रेस में सबसे ऊपर है। प्रवेश वर्मा ने नई दिल्ली सीट से आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े नेता अरविंद केजरीवाल को हराया है। प्रवेश वर्मा का असर पंजाब तक इसलिए हो सकता है, क्योंकि वो बीजेपी के पंजाबी और जाट चेहरा हैं।
मनजिंदर सिंह सिरसा: दिल्ली की बीजेपी इकाई में मनजिंदर सिंह सिरसा एक बड़ा नाम हैं। राजौरी गार्डन विधानसभा सीट से चुनाव जीते सिरसा सिख समुदाय से आते हैं और बीजेपी के पास सिख समुदाय में भी वो एक बड़े नेता हैं। इससे बीजेपी में मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी प्रबल दावेदार है। इससे बीजेपी को फायदा पंजाब में भी मिलेगा, क्योंकि मनजिंदर सिंह सिरसा पहले दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष रहे थे। शिरोमणि अकाली दल के लीडर सुखबीर सिंह बादल के साथ भी उनके अच्छे संबंध हैं, जो पहले बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए का हिस्सा हुआ करते थे।
तरविंदर सिंह मारवाह: प्रवेश वर्मा नई दिल्ली सीट पर अरविंद केजरीवाल को हराने की वजह से देशभर में चर्चा का विषय बने हैं, लेकिन बीजेपी में एक और पगड़ीधारी हैं तरविंदर सिंह मारवाह, जो दिल्ली की हाईप्रोफाइल सीट जंगपुरा में मनीष सिसोदिया को हराकर आए हैं। तरविंदर सिंह मारवाह की सफलता भी प्रवेश वर्मा के बराबर ही मान सकते हैं, क्योंकि मनीष सिसोदिया को चुनाव हराना आम आदमी पार्टी को दिल्ली में दूसरा सबसे बड़ा झटका देना है। अमित शाह सार्वजनिक रैली से तरविंदर सिंह मारवाह की काफी प्रशंसा भी कर चुके हैं।
दिल्ली में बीजेपी ने 70 में से 48 सीटें जीतीं
8 फरवरी को घोषित दिल्ली विधानसभा चुनावों में बीजेपी को जबरदस्त जनादेश मिला। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 48 सीटें बीजेपी के खाते में आई हैं। समझना ये भी होगा कि बीजेपी ने 70 में से 68 सीटों पर चुनाव लड़ा था, क्योंकि दो सीटें बुराड़ी और देवली एनडीए के सहयोगियों को दी गई थीं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी को 22 सीटों पर जीत मिली है, जबकि यहां कांग्रेस को लगातार तीसरी बार जनता ने नकारा है, जिसे चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली।