New Delhi : दो महीने बाद राजधानी में होगी ट्रिपल इंजन की सरकार 

Kotputli News
दो महीने बाद राजधानी में होगी ट्रिपल इंजन की सरकार

भाजपा की डबल इंजन की सरकार का रास्ता तो साफ हो ही गया है, साथ ही उसे नगर निगम की सत्ता की चाबी भी मिल गई है। अब भाजपा बिना किसी तोड़फोड़ के आगामी अप्रैल में होने वाले महापौर और उप महापौर के चुनाव में बाजी मार लेगी। इससे दिल्ली में पहली बार भाजपा की ट्रिपल इंजन की सरकार बन जाएगी। विधानसभा चुनाव जीतने से भाजपा को सत्ता की चाबी मिल गई है, क्योंकि सत्तारुढ़ पार्टी के विधायक को विधानसभा अध्यक्ष बनने का मौका मिलेगा और वो ही अपने विवेक से नगर निगम में 14 विधायकों को सदस्य मनोनीत करेगा।

दो महीने बाद राजधानी में होगी ट्रिपल इंजन की सरकार 

आप सरकार में अभी तक की परंपरा के अनुसार सत्तारुढ़ पार्टी के विधायकों को अधिकतम संख्या में मनोनयन किया जाता रहा है। ऐसे में 14 में 13 विधायक भी भाजपा के नगर निगम में मनोनीत होते हैं, तो भी भाजपा का बहुमत हो जाएगा। अभी वर्तमान स्थिति में भाजपा के 120 पार्षद हैं, जबकि आप के पास 121 और कांग्रेस के पास आठ पार्षद हैं। इसमें भाजपा के आठ पार्षद जीत गए हैं। इससे भाजपा के पार्षदों की संख्या 112 हो गई है। वहीं तीन आप के पार्षद विधायक बनने से आप के पार्षदों की संख्या 118 गई हैं। अगर 14 में से 13 विधायक ही भाजपा के नगर निगम में मनोनीत होकर आते हैं, तो सात लोकसभा सांसदों और 13 विधायकों से भाजपा के कुल सदस्यों की संख्या 132 हो जाएगी, जबकि आप के पास पार्षदों की संख्या 118 और तीन राज्यसभा सदस्य मिलाकर और एक विधायक भी आप का मनोनीत होता है, तो आप के कुल सदस्यों की संख्या 122 हो जाएगी। अगर कांग्रेस भी आप का साथ देगी, तो आठ आप पार्षदों के साथ कुल दोनों दलों के सदस्यों की संख्या 130 हो जाएगी। इससे भी भाजपा का महापौर प्रत्याशी आसानी से जीत जाएगा।

उल्लेखनीय है कि हर नगर निगम में वर्ष महापौर का चुनाव अप्रैल माह में होता है। आगामी अप्रैल में 2022 में बनी सरकार से चौथे वर्ष के लिए चुनाव होगा। चूंकि पहले वर्ष में महिला  तो तीसरे वर्ष में आरक्षित श्रेणी से चुने अनुसूचित जाति के पार्षद को ही महापौर चुना जाता है। ऐसे में चौथे वर्ष में कोई भी पार्षद जो भाजपा का प्रत्याशी होगा, वह चुनाव आसानी से न केवल महापौर का चुनाव जीत जाएगा, बल्कि उपमहापौर का चुनाव भी जीत जाएगा।

स्थायी समिति में भाजपा को फिर करनी होगी मेहनत

स्थायी समिति के गठन का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, लेकिन आने वाले दिनों में स्थायी समिति का गठन होता है और चेयरमैन का चुनाव होता है, तो भाजपा को मुश्किल हो सकती है। क्योंकि स्थायी समिति के एक सदस्य जो कि सदन से चुने गए गजेंद्र दुराल वह अब निगम से इस्तीफा दे देंगे तो सदन से फिर से स्थायी समिति का सदस्य चुनना होगा। चूंकि स्थायी समिति के सदस्य के चुनाव में केवल निर्वाचित पार्षद ही मतदान से करते हैं, ऐसे में नगर निगम की खाली सीटों से हुए उप चुनाव पूर्व स्थायी समिति के सदस्य का चुनाव होता है, तो भाजपा के पास सदस्य जीतने के लिए संख्या नहीं है, क्योंकि आप के पास 118 और भाजपा के पास 112 ही सदस्य हैं। ऐसे में इस चुनाव को जीतने के लिए भाजपा को जोड़तोड़ करनी होगी। अभी फिलहाल भाजपा के पास स्थायी समिति में 10 तो आप के पास आठ सदस्य हैं। गजेंद्र दराल के इस्तीफे से भाजपा के पास स्थायी समिति के सदस्यों की संख्या नौ तो आप के पास आठ बचेगी। उल्लेखनीय है कि स्थायी समिति नगर निगम को सबसे शक्तिशाली समिति है। पांच करोड़ से अधिक की परियोजनाएं मंजूर करने की शक्ति इसी समिति के पास होती है। आप की सरकार आने के बाद से कानूनी लड़ाई की वजह से इस समिति का गठन नहीं हो सका है…... More News

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