नई दिल्ली : जिस सीएजी रिपोर्ट को दिल्ली विधानसभा में सदन पटल में रखने पर आम आदमी पार्टी सरकार पिछले पांच सालों से बच रही थी, अब सरकार जाने के बाद भाजपा इन रिपोर्ट को सदन में रखने को लेकर गंभीर है। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस बारे में संकेत दे दिए हैं। इन रिपोर्ट की बात करें तो इससे आप के लिए संकट जरूर खड़ा होने के आसार दिख रहे हैं। जिसमें आबकारी नीति में हुए नुकसान से लेकर मुख्यमंत्री आवास में निर्माण संबंधी जांच की रिपोर्ट तक शामिल है। इसमें लोक निर्माण विभाग, आबकारी विभाग, स्वास्थ्य विभाग से लेकर शिक्षा, वायु प्रदूषण और यमुना से संबंधित मामले भी शामिल हैं।
इस तरह पेंडिंग 14 रिपोर्ट का आंकलन किया जाए तो सरकार के सभी महत्वपूर्ण विभाग इसमें सम्मिलित हैं। इन रिपोर्ट के सदन में रखने के लिए भाजपा जिस तरीके से अपने तेवर दिखा रही है, उससे माना जा रहा है कि आप नेताओं के लिए एक बड़ी मुश्किल खड़ी होने जा रही है। इधर, सीएजी की रिपोर्ट सदन में नहीं रखने को भाजपा लगातार मुद्दा बनाती रही है कि इन रिपोर्ट में ऐसा क्या है कि जो 2017 के बाद एक भी सीएजी रिपोर्ट सदन में पेश नहीं हुई।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शराब घोटाला, शीशमहल को बड़ा मुद्दा बनाया। यह मुझे विधानसभा चुनाव प्रचार में भी सुर्खियों में रहा है। जिस तरह से दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के बाद राजनीतिक हालात बदल रहे हैं, इससे साफ जाहिर है कि आप सरकार में उस समय मुख्यमंत्री रहे अरविंद केजरीवाल से लेकर आप सरकार के अन्य मंत्री भी इसके दायरे में आ सकते हैं। इस तरह से देखा जाए तो सभी प्रमुख विभाग और उनके जुड़े रहे आप नेताओं के लिए मुश्किलें बढ़ने की संभावनाएं अधिक हैं। ‘आबकारी नीति की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली सरकार ने एक्सपर्ट पैनल की सिफारिश को नजरअंदाज किया था, जो कंपनी पहले से ब्लैकलिस्ट थी, उन्हें शराब बेचने का लाइसेंस दिया। आप ने कहा है कि हमें उम्मीद है कि भाजपा अपनी नकारात्मक राजनीति को त्यागकर लोगों के वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगी। आप ने कहा कि अरविंद केजरीवाल एक ईमानदार नेता हैं। आज तक उनके खिलाफ एक भी आरोप साबित नहीं हुआ है…. More News