राजस्थान सरकार ने प्रदेश भर में राजकीय विद्यालयों का विलय किया गया है जिसमें सरकार ने कोटपूतली के चार राजकीय विद्यालयों का किया विलय यह ऐसे विद्यालय जिनमे विद्यार्थियों की संख्या शून्य के बराबर थी ऐसे में सरकार को ऐसे विद्यालयों में विलय किया गया जिसमें विद्यार्थियों की संख्या सामान्य है
सरकार का राजकीय विद्यालय के विलय के पीछे का मुख्य कारण विद्यालयों में नामांकन नहीं होना है ऐसे में शिक्षकों को बिना किसी कार्य के वेतन सरकार द्वारा दिया जा रहा था इसलिए ऐसे विद्यालयों को बंद कर दिया गया है
इन विद्यालयों का हुआ विलय
राज्य सरकार द्वारा प्रदेश भर में शून्य अथवा कम नामांकन व एक ही परिसर में अथवा अत्यधिक नजदीक संचालित विधालयों का समन्वय किया गया है। इस सम्बंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय राजस्थान, बीकानेर द्वारा जारी आदेशानुसार प्रदेश भर में 260 राजकीय विधालयों का विलय किया गया है।
जिसमें कोटपूतली-बहरोड़ जिले के शून्य नामांकन वाले राजकीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विधालयों का विलय किया गया है। इनमें कोटपूतली के राजकीय प्राथमिक विधालय बनेठी को राजकीय उच्च माध्यमिक विधालय बनेठी, राजकीय प्राथमिक विधालय ढ़ाणी कुशाला पूरण नगर को राजकीय उच्च माध्यमिक विधालय पूरण नगर, राजकीय प्राथमिक विधालय नाथू वाला जोहड़ को राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विधालय नारेहड़ा एवं राजकीय प्राथमिक विधालय चानचकी को राजकीय उच्च माध्यमिक विधालय भूरी भड़ाज में विलय किया गया है।
पहले भी हुआ था विलय
राजस्थान सरकार ने पहले ऐसे राजकीय विद्यालयों पर ताला लगा दिया था जिसमें विद्यार्थियों की संख्या बेहद कम थी उन विद्यालयों अन्य नजदीकी बड़े राजकीय विद्यालय में विलय कर दिया गया ऐसे में सरकार का यह करने का मुख्य कारण बजट को लेकर भी है
महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की स्थिति
राज्य सरकार ने अंग्रेजी माध्यम के महात्मा गांधी स्कूलों की समीक्षा के लिए मंत्रियों की एक कमेटी बनाई थी। अब तक, इस कमेटी ने कोई सिफारिश नहीं की है, जिसके कारण राज्यभर में एक भी अंग्रेजी माध्यम स्कूल बंद नहीं किया गया है। इसके विपरीत, हिंदी माध्यम के 450 से अधिक स्कूल बंद हो चुके हैं।