8th Pay Commission : बजट से केंद्रीय कर्मचारियों को उम्मीद, सरकार कर सकती है बड़ा ऐलान

Kotputli News
8th Pay Commission : बजट से केंद्रीय कर्मचारियों को उम्मीद, सरकार कर सकती है बड़ा ऐलान

8th Pay Commissionएक फरवरी को पेश होने वाले बजट 2025 पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. केंद्रीय कर्मचारियों को इस बजट से सबसे ज्यादा उम्मीद लगाए बैठे हैं. उन्हें उम्मीद है कि सरकार बजट के दौरान 8वें वेतन आयोग पर ज्यादा जानकारी देगी.

सरकार ने 16 जनवरी को 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दी थी, जिसका गठन अगले साल 2026 में होगा और गठन के बाद ही आयोग फिटमेंट फैक्टर तय करेगा. कई कर्मचारी संगठनों को उम्मीद है कि बजट के दौरान ही वेतन आयोग से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण ऐलान कर सकती है.

कितनी बढ़ेगी सैलरी ?

अगर फिटमेंट फैक्टर 2.08 तय होता है, तो कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 37,440 रुपये हो सकती है. वहीं, पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 18,720 रुपये तक हो सकती है. लेकिन अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 तक जाता है, जो की कई कर्मचारी संगठन मांग कर रहे हैं. तो वेतन में 186% की बढ़ोतरी हो सकती है. ऐसा होने पर न्यूनतम सैलरी 51,480 रुपये और पेंशन 25,740 रुपये तक बढ़ सकती है.

आयोग के गठन को मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है. इस आयोग का मकसद सरकारी कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार लाना और सैलरी को मानकों के अनुसार तय करना है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 16 जनवरी को इसकी घोषणा की थी. उन्होंने बताया कि 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू किया गया था और 2026 में इसका कार्यकाल खत्म हो रहा है. इसलिए, 2025 में नई सिफारिशें तैयार करने के लिए 8वां वेतन आयोग लाया गया है.

कितना होगा फिटमेंट फैक्टर ?

8वें वेतन आयोग के तहत सैलरी बढ़ाने के लिए फिटमेंट फैक्टर पर चर्चा हो रही है. मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, 2.86 के फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश की जा सकती है. हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि सरकार 1.92 से 2.08 के बीच फिटमेंट फैक्टर रख सकती है.

वेतन आयोग क्या होता है ?

भारत सरकार समय-समय पर वेतन आयोग का गठन करती है, जो सरकारी कर्मचारियों और पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों की सैलरी से जुड़ी सिफारिशें देता है. पहला वेतन आयोग 1947 में गठित किया गया था. 2014 में गठित 7वें वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट नवंबर 2015 में दी थी, जिसे 2016 में लागू किया गया था.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *